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सबने सुन रखा है फिर भी मौन हैं दिल टूटने को हो या

सबने सुन रखा है फिर भी मौन हैं
दिल टूटने को हो या जुड़ने को हो
"ग़ालिब" कहतें हैं सब आप ही रौन हैं

 महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें।
#collab   #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
सबने सुन रखा है फिर भी मौन हैं
दिल टूटने को हो या जुड़ने को हो
"ग़ालिब" कहतें हैं सब आप ही रौन हैं

 महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें।
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rajanbajpai1918

राjN

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