कवि सम्मेलन मेरी जान है यही मेरे सपनों की उड़ान है सजाए थे कभी सपने इसके अब पूरे हुए वो भी अरमान है इंटरनेट अभी जरिया बना है ऑफलाइन की अब जिज्ञासा है अभी तो मेरी शुरुआत हुई है आगे पता नहीं कहां जाना है कई दिग्गजों से मुलाकात होगी बातों ही बातों में बात होगी किसने क्या-क्या सपने देखे जीवन शैली की वहीं पहचान होगी कोई छंद कोई मुक्तक कोई गीत सुनाएगा अपने-अपने तरीके से आभास कराएगा कविता की विभिन्न शैली किसे कहते हैं इसी प्रकार से सबको बोध कराएगा कोई हँसाएगा तो कोई सिखाएगा कोई जीवन के रहस्य बताएगा ज्ञान की गंगा बहती है यहां पर उसी ज्ञान में सबको दुबाएगा कहना तो बहुत कुछ चाहता हूं मैं समंदर को उड़ेलना चाहता हूं मैं रचना की भी अपनी सीमा है उसको नहीं तोड़ना चाहता हूं मैं ................................................... देवेश दीक्षित 7982437710 ©Devesh Dixit #कवि_सम्मेलन #nojotohindi # Adv. Rakesh Kumar Soni