ना कोई बता सका है ना कोई बता सकेगा सफर में ही रहना और पांव का डगमगाना ख्वाबों में सजाना और सोच के मुस्कुराना मह-ए-क़ामिल से कम न था तेरे सामने से गुजरना सुन के तेरी आहटे दिल का घबराना यही तो मोहब्बत है और तुझे कैसे समझाना #मुमताज़ ©BazmEyaaraan #L♥️ve #Emotional #welove kavita ranjan