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चुनावी वक्त पर किए, झूठे वादों को तोड़कर, अब चल दि

चुनावी वक्त पर किए, झूठे वादों को तोड़कर, अब चल दिए हम 
बस पैसा मिला, ये जेब भरा, और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

ये कहानी है उन सरपंचों की, जो देश के विकास में बाधा हैं
गाँव को हम शहर बनाएंगे कह, ये सबसे करते झूठा वादा हैं
जिन्होंने वोटों में अपना विश्वास दिया उन्हीं को ही छल दिए हम 
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

गाँव की सड़कें जिस पैसे से बननी थीं, उससे अपने घर बनाए
आखिर क्यों भूल जाते हैं लोग की क्यूं हम इन्हें सरपंच बनाए
शहर में जमीन खरीद, देश का सर्वनाश कर अब चल लिए हम
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

कहीं सड़कों में गड्ढे बने हैं तो कहीं जलभराव से लोग जूझ रहे
मगर इन नेता, सरपंचों को तो अपने बैंक बैलेंस ही सूझ रहे
देखो ज़रा देश के गद्दार, भ्रष्टाचारी अब शहर को चल दिए हम
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम चुनावी वक्त पर किए, झूठे वादों को तोड़कर, अब चल दिए हम 
बस पैसा मिला, ये जेब भरा, और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

ये कहानी है उन सरपंचों की, जो देश के विकास में बाधा हैं
गाँव को हम शहर बनाएंगे कह, ये सबसे करते झूठा वादा हैं
जिन्होंने वोटों में अपना विश्वास दिया उन्हीं को छल दिए हम 
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम
चुनावी वक्त पर किए, झूठे वादों को तोड़कर, अब चल दिए हम 
बस पैसा मिला, ये जेब भरा, और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

ये कहानी है उन सरपंचों की, जो देश के विकास में बाधा हैं
गाँव को हम शहर बनाएंगे कह, ये सबसे करते झूठा वादा हैं
जिन्होंने वोटों में अपना विश्वास दिया उन्हीं को ही छल दिए हम 
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

गाँव की सड़कें जिस पैसे से बननी थीं, उससे अपने घर बनाए
आखिर क्यों भूल जाते हैं लोग की क्यूं हम इन्हें सरपंच बनाए
शहर में जमीन खरीद, देश का सर्वनाश कर अब चल लिए हम
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

कहीं सड़कों में गड्ढे बने हैं तो कहीं जलभराव से लोग जूझ रहे
मगर इन नेता, सरपंचों को तो अपने बैंक बैलेंस ही सूझ रहे
देखो ज़रा देश के गद्दार, भ्रष्टाचारी अब शहर को चल दिए हम
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम चुनावी वक्त पर किए, झूठे वादों को तोड़कर, अब चल दिए हम 
बस पैसा मिला, ये जेब भरा, और गाँव छोड़कर निकल लिए हम

ये कहानी है उन सरपंचों की, जो देश के विकास में बाधा हैं
गाँव को हम शहर बनाएंगे कह, ये सबसे करते झूठा वादा हैं
जिन्होंने वोटों में अपना विश्वास दिया उन्हीं को छल दिए हम 
बस पैसा मिला, जेब भरा और गाँव छोड़कर निकल लिए हम