अब क्या कहूं? ज़िंदगी चल तो रही है पर, इसकी कड़ियां कभी इक्तियार में ना थी! कह भी दूं तो क्या? जो इक्तियार में थीं वो हुई ना यार कभी! ~ सांझ #hindi #poem #talk #memory