Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे देश की आत्मा उत्साह और शौर्य का ऊर्जा पुंज है

मेरे देश की आत्मा उत्साह और शौर्य का ऊर्जा पुंज है।सभ्यताओं की जननी है।संस्कारों की खान है।त्याग,तपस्या,प्रेम, भक्ति और शक्ति का भण्डार है।हमें ज्ञात है कि- मोहन जोदड़ो,हड़प्पा, धौलावीरा,कालीबंगा, राखीघड़ी और गनवेरीवाला वृहत्तर भारतबर्ष की प्राचीनतम सभ्यताओं में सुमार हैं।1. सार्गोन अभिलेख - 2600 - 1800 ईसा पूर्व का बताते हैं।2. जॉन मार्शल इसे - 3200 - 2750 ईसा पूर्व का।3. माधोंस्वरूप वत्स - 3500 - 2700 ईसा पूर्व कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि दुनिया में सबसे पहले हम आए।

कैप्शन- में पढ़ें ऋग्वेद काल 1500- 1000 ई.पूर्व से लेकर उत्तर वैदिक काल 1000 - 600 ई पूर्व तक हमने- दुनिया को - ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद और अथर्ववेद जैसे चार ग्रंथ दिए।लगभग 300 ब्राह्मण संहिता, अरण्यक,उपनिषद (वेदान्त) के शास्त्र रचे जिनमें से अभी 108 मान्य हैं।
'सत्यमेव जयते' मुण्डकोपनिषद का सूत्र है।जीवन जीने की कला विकसित की चार आश्रमों की स्थापना का ज़िक्र जाबालि उपनिषद में हुआ और ईशोपनिषद ने कर्म का सिद्धांत दिया।
शिक्षा,कल्प,व्याकरण,निरुक्त,छन्द और ज्योतिष का विकास कर - "वसुधैव कुटुम्बकम" की भावना का विकास किया
मेरे देश की आत्मा उत्साह और शौर्य का ऊर्जा पुंज है।सभ्यताओं की जननी है।संस्कारों की खान है।त्याग,तपस्या,प्रेम, भक्ति और शक्ति का भण्डार है।हमें ज्ञात है कि- मोहन जोदड़ो,हड़प्पा, धौलावीरा,कालीबंगा, राखीघड़ी और गनवेरीवाला वृहत्तर भारतबर्ष की प्राचीनतम सभ्यताओं में सुमार हैं।1. सार्गोन अभिलेख - 2600 - 1800 ईसा पूर्व का बताते हैं।2. जॉन मार्शल इसे - 3200 - 2750 ईसा पूर्व का।3. माधोंस्वरूप वत्स - 3500 - 2700 ईसा पूर्व कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि दुनिया में सबसे पहले हम आए।

कैप्शन- में पढ़ें ऋग्वेद काल 1500- 1000 ई.पूर्व से लेकर उत्तर वैदिक काल 1000 - 600 ई पूर्व तक हमने- दुनिया को - ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद और अथर्ववेद जैसे चार ग्रंथ दिए।लगभग 300 ब्राह्मण संहिता, अरण्यक,उपनिषद (वेदान्त) के शास्त्र रचे जिनमें से अभी 108 मान्य हैं।
'सत्यमेव जयते' मुण्डकोपनिषद का सूत्र है।जीवन जीने की कला विकसित की चार आश्रमों की स्थापना का ज़िक्र जाबालि उपनिषद में हुआ और ईशोपनिषद ने कर्म का सिद्धांत दिया।
शिक्षा,कल्प,व्याकरण,निरुक्त,छन्द और ज्योतिष का विकास कर - "वसुधैव कुटुम्बकम" की भावना का विकास किया