मां के लिए लिखते है तो लब्ज़ कम पर जाते है, पिता के लिए लोग कम लिखते है क्यूं कि वो जज्बात तो कलम कह ही नहीं पाते है, पिता हमारे लिए कितना कुछ बिना कहे कर जाते है डांटते है वो दिखता है उनकी डांट में चिंता हम उस समय नहीं देख पाते है पर सच कहें तो उनसे डांट खाए बिना हम बेहतर इंसान नहीं बन पाते हैं। Happy fathers' day #yqdidi #yqdada #yqbaba #yqhindi #yqhindiwriters #yqfathersdayspecial