पतंग से हम हैं खुला आसमा है लेकिन डोर है किसी अोर के हाथों में सफर अभी पूरा नहीं मुसाफिर अभी थका नहीं लेकिन जिंदगी कुछ कहना चाहती है, पास तुम्हारे बैठना चाहती है । पतंग से हम हैं खुला आसमा है लेकिन डोर है किसी और के हाथों में सफर अभी पूरा नहीं मुसाफिर अभी थका नहीं लेकिन जिंदगी कुछ कहना चाहती है, पास तुम्हारे बैठना चाहती है । #kaviajayvarmaaj #kaviajayvarma #ajay #nojotoshayri #covid19