लोहा लेते सरेआम ऐसी उनमे ताकत थी.... भिड़ जाये कोई अंग्रेज़ उनसे ऐसी कहाँ हिमक़ात थी... वो कविश्रेष्ठ थे क्रांतिवीर वे बिस्मिल उनका नाम था.... आजादी पाना ही उनका एकमात्र अनुष्ठान था... काकोरी काण्ड किया था बेशक़ आजादी की चाहों में... चले निडर को बिना रुके वो आजादी की राहों में... एक बार नहीं सौ बार नहीं हज़ारो बार मर जाऊंगा... पर अपने भारत को अंग्रेजो से मुक्त कर जाऊंगा...!! ©Yash Bansal #बिस्मिल #bismil #Kranti #Krantiveer #krantikari #Bansal_diaries