जमीं की ख़ाक भी ईद मनाती होगी अर्श की मलायक भी खुशियाँ मनाती होगी युहीं नहीं मिलती इनको ये अज़ीमतें ज़नाब रौशन होते हैं इनके दिल जब मेरी माँ मुस्कुराती होगी ~फैज़ान रज़ा खान Mother's Day Special #Shayri