एक शाम उगती हुई सी एक शाम थी उगती हुई सी किरणों ने अपनी सतरंगी आभा आकाश पर बिखेर दी जैसे धरा को विदाई दे रही हों ऐसा लगा मानो अपनी सहेलियों से गले मिल मिल कर विदाई गीत गा रहीं हों क्षण भर में रंगों का अद्भुत मिलन