माँ आज्ञा मंजुर है , तेरे चरण में नवांऊ में अपना शीश..... किसी का नहीं उड़ाऊ मज़ाक, अमर तेरा आशीष... वचन बोलूंगा तोल कर, जो तू कहे वहीं करूंगा शीश नवाकर..... अपने गुरु का करूँगा में हमेशा आदर, जेसे तेरी कर्ता हूँ भगवान मान कर.......