सोचना बाकी रह गया था आज तेरे बारे में तभी तो हिचकियाँ आ रही है रात के अंधियारे में, सोचा था दिल से याद किया होगा उसने सुबह होते ही पूछ लिया देखा था सपना उसने भी मगर बताया किसी गैर के बारे में तसल्ली नहीं दे पा रही थी वो मेरे दिल की चाहत को वो बिना रूके बताती रही इक अनजान के बारे में! Ikka.🤫🤫 #अनजान के बारे में