जिस देश भारत में पितामह भीष्म से रणधीर थें, जिनकी प्रतिज्ञा के वचन अति घोर थे गंभीर थे। कुरु वंश संरक्षक बने जो मीचु को झुठला गए, पर स्नेहवश निज मृत्यु के भी भेद को बतला गए। वह सोम वंशी शूर क्षत्रिय धर्म प्राण महान थें, सद्धर्म हेतु अधीर वह मानव चरित्र प्रमाण थे। "भीष्म पितामह "