हे नाथ दीनदयालु शंकर त्रिलोकीनाथ भस्म रमा के हे बाबा करते हो हिमालय मे तुम वास हे शंकर कर दो तामसी प्रवृत्ति का नाश हे शम्भू सुन ले मेरी करुण पुकार विनती करता है ये बालक दे दे मुझको तू ज्ञान हे गौरा के नाथ चित्त करदे शांत मेरा करता हूँ माँ और आप को प्रणाम...... #अंजान.... #हे_नाथ #हे_शम्भू #अंजान.......