“इश्क़ का खुदा” ग़ज़ल –5 पहली बार देखा तो दिल तेरी ओर झुकने लगा। दिल मेरा आपसे जुड़ने के लिए बेकरार रहने लगा। धीरे धीरे आपको अपना ज़िन्दगी बनाने लगा। दिल मेरा आपको ही सब कुछ मानने लगा। बस इक तेरे में खोकर ज़माने को भूलने लगा। दिल मेरा थोड़ा ख़ुदगर्ज होकर बस तेरे खयालों में खोने लगा। मैंने तुझे अपना सनम दिलबर और जानम नाम देने लगा। मैंने तो आपको ही अपना इश्क़ का खुदा मानने लगा। #कोराकाग़ज़ #kkdrpanchhisingh #collabwithकोराकाग़ज़ #kkकविसम्मेलन #विशेषप्रतियोगिता #kkकविसम्मेलन3