तुम्हारा बदन जैसे हल्दी चंदन घिस के देखा दौड़े दिल के स्पंदन पतली कमर चाल मस्तानी उस पे कहर ये बाली उमर दिन तड़पे रात मचाये हल्ला सोये सारा मोहल्ला तेरी जुल्फों से खेलूँ ज़बतक न हो सहर ©Deep Bawara #yqdidi #nojato #yqbaba #yqquotes #nojohindi #erotica #eroticapoetry #तन्हा_रातें