टूटे ख्वाबों के मरघट में आकर मिलो अधूरी नींदों की करवट में आकर मिलो फिर अपना बना लूँगा तुमको सनम एक दफा मुझसे जमघट में आकर मिलो --प्रशान्त मिश्रा "ZAM घट"