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मेरी खिड़की पर उसके चेहरे का अक्स दिखता है, न जान

मेरी खिड़की पर उसके चेहरे का अक्स दिखता है, 
न जाने क्यों खूबसूरत मुझे वो शख्स दिखता है। 

जब होते हैं रूबरू हम उनसे कभी इत्तेफाक से, 
हर वह लम्हा खुशियों का दरख्त दिखता है। 

सहम जाती है धड़कने उन्हें उनसे गुफ्तगू करने में, 
वो अंदर से मोम है बाहर से सख्त दिखता है। 

 किया है खड़ा हमें जिंदगी ने यह कैसे दोराहे पर लाकर, 
एक तरफ हमसफर दूसरी तरफ कामयाबी का तख़्त दिखता है।

©OJASWI SHARMA तख़्त... 
#ojaswisharma #shayari #latestshayari #shayaribegum #ojaswi #nojoto #powerofposition #takht 

#MySun
मेरी खिड़की पर उसके चेहरे का अक्स दिखता है, 
न जाने क्यों खूबसूरत मुझे वो शख्स दिखता है। 

जब होते हैं रूबरू हम उनसे कभी इत्तेफाक से, 
हर वह लम्हा खुशियों का दरख्त दिखता है। 

सहम जाती है धड़कने उन्हें उनसे गुफ्तगू करने में, 
वो अंदर से मोम है बाहर से सख्त दिखता है। 

 किया है खड़ा हमें जिंदगी ने यह कैसे दोराहे पर लाकर, 
एक तरफ हमसफर दूसरी तरफ कामयाबी का तख़्त दिखता है।

©OJASWI SHARMA तख़्त... 
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#MySun