सीख दरिया किनारे कहीं, ज़मीं बंजर देखा है क्या? बड़े तजुर्बे की बात करते हो खलिफ, कहीं सुखा समंदर देखा है क्या? तुम दर्द कि अहसास कहते हो, लहू भी हो मुसकुराहट भी, कहीं ऐसा मंज़र देखा है क्या? पुरी दुनिया में कमी ढुंढता फिरता है रे बंदे, कभी झांक के खुद के अंदर देखा है क्या? #asan nhi ye jindgi ka safer yara Kanto pe chlna pdta hai...#nojoto #nojotohindisayri #nojotolove #inspiration #sikhsayri #vichar