अपने सपनों को तिल तिल टूटते हुए देखा है बड़े बनते वो मेरे करीबी उन्हें भी छूटते हुए देखा है अब हंसी आती खुद पर और आंसू निकल जाते हैं वो गर्दिशों का दौर और वो आस्तीन के सांप याद आते हैं 📝प्रिंस यादव💔 #गर्दिशों का दौरा और #आस्तीन के सांप