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भीड़ का हिस्सा बनते जा रहे थे तुम हमें कहाँ भीड़ में

भीड़ का हिस्सा बनते जा रहे थे तुम
हमें कहाँ भीड़ में तलाश रहे थे तुम

गौर से सुनते अगर मेरी आवाजों को
कितनी आवाजें दिये जा रहे थे हम

थक कर लौट गये अपने वीरानों में
कितना पुकारते तुमको बेगानों में हम !!

©Anjali Nigam
  #भीड़नहींबनना ....