एक दौर था, जब बचपन में बचपना हुआ करता अब तो ये बदरी भी, बड़ो पर छाई लगती है।। ना वो शैतानियाँ, ना वो चहचहाहट सुनाई पड़ती है, बस इक्कीसवीं सदी की भाग-दौड़ दिखाई पड़ती है।। केवल बच्चों तक सीमित नहीं हैं, किताबी दुनिया के किस्से, बड़ो पर भी competition की शिकन दिखाई पड़ती है।। इतनी चिन्ताएं बच्चे भला कब रखते थे? बच्चों ने ये सौगात बड़ों से पाई लगती है। #yqhindi #yqbachhe #yqsaugat #yqbade