कभी किसी को मोहब्बत में इंतजार कराना भाता है, कभी किसी को दीदार के लिए तड़पाना रास आता है। मोहब्बत करने का सबका अंदाज अपना अपना होता है। कोई खामोशी से बता लेता है कोई जता ही नहीं पाता है। मोहब्बत करके भी, कभी कबूल ना करना, कचनार कली का अंदाज है दिल लूटने का। तुझे अहसास ही नहीं कितने फ़िगार हुए हैं, तुझ तितली को,चस्का लगा यार बदलने का। #अशोक_अरुज #अल्फ़ाज़_जो_लिखे_तेरी_याद_में ♥️ अंदाज़ अपना अपना ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़