दिल को छू गया, कोई दर्द का टुकड़ा, गर्म शीशे के कांच का, दिल को छू गया, कोई दर्द का टुकड़ा, गर्म शीशे के कांच का, गहरा ज़ख्म दे गया है, जिधर देखो उधर बस, ख़ून ही ख़ून बह रहा है, दिल को झूठी आस है, कोई आए, इसे सहलाए,