देख तुझी को शीतल होती छाती। ज्यूं कृषक को घटा है काली भाती। तू इबादत की बजह थी तू ही खुदा , क्यूं भूल गये मुझको ज्यूं बरसाती। #शिकायत #मोहबब्त #दूरियां #इश्क_सूफियाना