वो औक़ात ना थी ज़माना में जो मेरी बोली लगा सके|| ग़ालिब इश्क़ में क्या गिरे मुफ्त में नीलाम हो गए|| - Shreyaag हिमाकत तो देखो उनकी सहारे मोहब्बत के नीलाम हमे कर गई|| #shreyaag #shreyasuman #norevenge #movedon #galib #mirzagalib #rekhta #nojotowriters #writerslife #hatelove #writerpain #penoverpain