रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए रोज रोज मिटते है. फिर भी खाक ना हुए कुछ लोग जलते है मुझसे बस राख ना हुए #nojoto poetry #nojoto.... shayri written by #ashutosh #upadhyay