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#Pehlealfaaz वो पाँच दिन ! बचपन के भोलेपन पर महीन

#Pehlealfaaz वो पाँच दिन !

बचपन के भोलेपन पर महीन चादर हैं,
 महीने के वह पाँच दिन ।
यौवन का प्रथम श्रृंगार हैं, वह पाँच दिन ।
जन्म का प्रथम स्पष्ट द्वार हैं ,वह पाँच दिन ।
नारी के ललाट की  गरिमा हैं, वह पाँच दिन  ।
जिस्म के सहने की क्षमता से प्रखर 
प्रचंड शक्ति स्रोत हैं, वह पाँच दिन ।
सृजन की वास्तविक शक्ति का प्रतीक हैं,वह 5 दिन
जिसे तुम अशुद्ध कहते हो ,
वह जरूर कुछ और होगा ।। periods are pride not shame .  true #feminism #pehlealfaaz
#Pehlealfaaz वो पाँच दिन !

बचपन के भोलेपन पर महीन चादर हैं,
 महीने के वह पाँच दिन ।
यौवन का प्रथम श्रृंगार हैं, वह पाँच दिन ।
जन्म का प्रथम स्पष्ट द्वार हैं ,वह पाँच दिन ।
नारी के ललाट की  गरिमा हैं, वह पाँच दिन  ।
जिस्म के सहने की क्षमता से प्रखर 
प्रचंड शक्ति स्रोत हैं, वह पाँच दिन ।
सृजन की वास्तविक शक्ति का प्रतीक हैं,वह 5 दिन
जिसे तुम अशुद्ध कहते हो ,
वह जरूर कुछ और होगा ।। periods are pride not shame .  true #feminism #pehlealfaaz