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खेलकर खेल राजनीति का क्यूं असलियत भूल जाते हो, जिन

खेलकर खेल राजनीति का क्यूं असलियत भूल जाते हो,
जिनकी वजह से भरता भंडार यहां क्यूं उनको धिक्कारते हो,
जिन पंच तत्वों से बना जिस्म हम सबका,
क्यूं उस प्रकृति का दोहन बेहिसाब करते हो,
मानते हैं विकास को जरूरी क्यूंकि यह समय की गुहार है,
पर अपनी खुशी की खातिर किसी का घर उजाड़ना भी तो बेकार है,
बिखर जाते हो अंदर से तुम जब कोई अपना तुम्हे छोड़ देता है,
फिर क्यूं उन बेजुबान और बेसहारा लोगों का दर्द तुम्हे समझ नहीं आता है,
काटते हो पेड़ो को और जलाते हो जब जंगल को बेहिसाब,
तब अपना कर्म किया हुआ तुम्हे दिखाई नहीं देता है,
पर होता जब पलटवार इसी का आपदा के समय में,
तब क्यूं तुम्हे सिर्फ खुद का गुनाह नहीं खुदा का कहर दिखाई देता है

Sunshine #rajneeti 
#prakrti 
#vikaas 
#panchtatav 
#Thinking 
#Society_Needs_WayOfLife 
#Social 
#nojotosocial
खेलकर खेल राजनीति का क्यूं असलियत भूल जाते हो,
जिनकी वजह से भरता भंडार यहां क्यूं उनको धिक्कारते हो,
जिन पंच तत्वों से बना जिस्म हम सबका,
क्यूं उस प्रकृति का दोहन बेहिसाब करते हो,
मानते हैं विकास को जरूरी क्यूंकि यह समय की गुहार है,
पर अपनी खुशी की खातिर किसी का घर उजाड़ना भी तो बेकार है,
बिखर जाते हो अंदर से तुम जब कोई अपना तुम्हे छोड़ देता है,
फिर क्यूं उन बेजुबान और बेसहारा लोगों का दर्द तुम्हे समझ नहीं आता है,
काटते हो पेड़ो को और जलाते हो जब जंगल को बेहिसाब,
तब अपना कर्म किया हुआ तुम्हे दिखाई नहीं देता है,
पर होता जब पलटवार इसी का आपदा के समय में,
तब क्यूं तुम्हे सिर्फ खुद का गुनाह नहीं खुदा का कहर दिखाई देता है

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