कभी-कभी हमारे अपनों की कुछ बातें या उनके व्यवहार हमें इस कदर चुभते हैं कि हम जैसे बीमार रहने लगते हैं। बातें कभी झुठी होती हैं तो कभी सच्ची। कुछ भी रियेक्ट करने या दिल पर लेने से पहले हमें ये देखना चाहिए कि वो बोल कौन रहा है। क्योंकि, कुछ लोगों की आदत होती है बेवजह बोलने की जिन्हें हम मन में पागल कहकर इग्नोर कर सकते हैं। पर, कुछ हममें इम्प्रूवमेंट चाहते हैं जो हम कर सकते हैं और ये हमारे लिए ही अच्छा है। व्यवहार तो इंसानी फितरत है। जो जैसा होगा, वो वैसा ही करेगा। ©Riya Jaiswal #walkingalone #दर्द_और_दवा