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थोडी मुजपे भी करदे है ईश्वर । कब तक यूं ही किनारे

थोडी मुजपे भी करदे है ईश्वर ।
कब तक यूं ही किनारे के लिए तरसता रहूंगा।
थक गया हूं इस गमो के सागर में तैर तैर कर।
शायद किसी की दुआ से ही पार लग जाऊंगा।
यूं तो मेरी मा की दुआएं हरदम मेरे साथ है।
थोड़ा तू सहारा देदे तो शायद में भी किसी का सहारा बन जाऊंगा। सुप्रभात।
जैसे इस धरती को आकाश का जल चाहिए वैसे ही हमारे हृदय को करुणा और संवेदना का जल चाहिए। दुआ वो स्रोत है जिससे हृदय में प्रेम का समुद्र लहराने लगता है।
#दुआओंकीबारिश #yqdidi #collab   #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #secondquote
थोडी मुजपे भी करदे है ईश्वर ।
कब तक यूं ही किनारे के लिए तरसता रहूंगा।
थक गया हूं इस गमो के सागर में तैर तैर कर।
शायद किसी की दुआ से ही पार लग जाऊंगा।
यूं तो मेरी मा की दुआएं हरदम मेरे साथ है।
थोड़ा तू सहारा देदे तो शायद में भी किसी का सहारा बन जाऊंगा। सुप्रभात।
जैसे इस धरती को आकाश का जल चाहिए वैसे ही हमारे हृदय को करुणा और संवेदना का जल चाहिए। दुआ वो स्रोत है जिससे हृदय में प्रेम का समुद्र लहराने लगता है।
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bharatdixit9776

bharat dixit

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