गुल ,न जो खिल सके, खिलाएँगे हम नए सिलसिले उगाएँगे अब हवाओं पे रंग छाएगा सपने भी सच्चे देखे जाएँगे ©Ghumnam Gautam #woshaam #ghumnamgautam #सिलसिले #हवाएं