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संताकलोस बचपन से सुनते आये है इस दिन के बारे मे

संताकलोस 


बचपन से सुनते आये है इस दिन के बारे में, 
कोई बाबा आता है लाल कपड़ो में पोटली कोई लिये 
बच्चों का शायद मसीहा या संत कहते है 
खास इस दिन पर , 
बच्चों को बांटता है उनकी ख्वाहिशे ।

हमने भी माँगी थी कितनी ख्वाहिशे 
आज हम बड़े हो गये है 
पर आज भी गुम है वो ख्वाहिशे और वो तोहफे 
मिली नहीं 'तीस' पार होने को है ।

आज भी देखते है उस संत को ,
आज भी वो पोटली वैसी की वैसी भरी पड़ी है ।।

मनाली की इन वादियों में, 
आज लोगों को जश्न करते देखा है 
आज की शाम इन अमीरों के हल्क से 
कई जाम उतरते देखे है । 

सुबह किसी ने गरीब के बच्चे को 
बताई है इस संत की कहानी 
और अब उसने भी की है एक ख्वाहिश, 
ख्वाहिश के तोहफे में सुबह जब आँख खुले 
तो 'एक रोटी मिल जाएँ'
भूखा है वो कई दिनों से , 
शायद क्रिसमस के दिन , 
उसके पेट को सुकून मिल जाएँ 
और इस संत 'संताकलोस' के अस्तित्व पर 
मुझे यकीं आ जाएँ ।।

©Anurag Kumar #SantaClause 


#Merry_Christmas
संताकलोस 


बचपन से सुनते आये है इस दिन के बारे में, 
कोई बाबा आता है लाल कपड़ो में पोटली कोई लिये 
बच्चों का शायद मसीहा या संत कहते है 
खास इस दिन पर , 
बच्चों को बांटता है उनकी ख्वाहिशे ।

हमने भी माँगी थी कितनी ख्वाहिशे 
आज हम बड़े हो गये है 
पर आज भी गुम है वो ख्वाहिशे और वो तोहफे 
मिली नहीं 'तीस' पार होने को है ।

आज भी देखते है उस संत को ,
आज भी वो पोटली वैसी की वैसी भरी पड़ी है ।।

मनाली की इन वादियों में, 
आज लोगों को जश्न करते देखा है 
आज की शाम इन अमीरों के हल्क से 
कई जाम उतरते देखे है । 

सुबह किसी ने गरीब के बच्चे को 
बताई है इस संत की कहानी 
और अब उसने भी की है एक ख्वाहिश, 
ख्वाहिश के तोहफे में सुबह जब आँख खुले 
तो 'एक रोटी मिल जाएँ'
भूखा है वो कई दिनों से , 
शायद क्रिसमस के दिन , 
उसके पेट को सुकून मिल जाएँ 
और इस संत 'संताकलोस' के अस्तित्व पर 
मुझे यकीं आ जाएँ ।।

©Anurag Kumar #SantaClause 


#Merry_Christmas