जिसका कोई भी नहीं उस का खुदा है यारो, ये में नहीं कहता किताबों में लिखा है यारो, मुड़ कर देखूं तो किधर सदा दूं तो किसे, मेरे माजी ने मुझे छोड़ दिया है यारो, इस सजा से तो मेरा जी ही नहीं भरता है, जिंदगी केसे गुनाहों की सजा है यारो, शब है इस वक्त कोई घर न खुला पाओगे, आओ मय-खाने का दरवाजा खुला है यारो। कृष्ण बिहारी नूर ©AJEEM KHAN #मयखाना #शब #रात #खुदा #माजी #किताबों #Darknight