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बुग़्ज़-ओ-हसद भरें दिलों ने मुझे बेनक़ाब किया है


बुग़्ज़-ओ-हसद भरें दिलों ने मुझे बेनक़ाब किया है
किसी क़ामिल की सोहबत ने मुझे नायाब किया है

ये जो कुछ लोग चमकते फिरते है न जहां भर में
दरअस्ल इन चराग़ों को मैंने ही आफ़ताब किया है
 बुग़्ज़ -ओ - हसद = छली, कपटी, ईर्ष्या, 
आफ़ताब = सुरज
दरअस्ल मैं
#darasl #collab #yqbhaijan  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Bhaijan

बुग़्ज़-ओ-हसद भरें दिलों ने मुझे बेनक़ाब किया है
किसी क़ामिल की सोहबत ने मुझे नायाब किया है

ये जो कुछ लोग चमकते फिरते है न जहां भर में
दरअस्ल इन चराग़ों को मैंने ही आफ़ताब किया है
 बुग़्ज़ -ओ - हसद = छली, कपटी, ईर्ष्या, 
आफ़ताब = सुरज
दरअस्ल मैं
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