#OpenPoetry कर देंगे बयां सारे ज़ज़्बात, तुम जरा राजी तो हो, हद से भी गुजर जाएंगे तुम जरा अजीज तो हो, ये सलीका नही है मेरे इजहार-ए-मोहब्बत का, सर-ए-बाज़ार ऐलान कर देंगे जरा यकीन तो हो, #शिशिरCCR... #Yourstory