ये दोस्ती के रिश्ते भी अजीब होते हैं, ### यादों के झरोखों से इस बार भी कुछ बात निकली हैं यारों के दिलों से इस बार भी कुछ आवाज निकली हैं। आज बैठे हैं मुद्दतों के बाद एक साथ हम कॉलेज की मस्ती और मज़े की सौगात निकली है। मुकद्दर के कशिश में आते रहे ये दिन बार बार फिर ऐसी ही हंसी और टीठोले के हो झुंड बार बार मिलते हैं आज दोस्तों के साथ तो कल की फिकर नहीं होती जीवन के हर पहर में ऐसी जिंदगी नहीं होती अजय शुक्ला #दोस्ती ❤️ के रिश्ते 🖋️ DEVENDRA KUMAR (देवेंद्र कुमार) 🙏 Sanju Verma