तुम जो भी लिखते हो बुरा नहीं, अच्छा लगता है! कोई इस कदर चाहे तो अपना सा लगता है! लिखने तो लगे हैं तुम्हें! अब शायद, ख़्वाब में आओगे ऐसा भी लगता है! ©Deepak Bisht #दिले-खता