ग़जल के अंतिम मुक्तक सुखद रंगीन यादों का तराना याद तो होगा। मेरे मासूम से दिल का घराना याद तो होगा । मेरे जज़्बात से खेला था एक दिन शाम को उसने, मेरे जीवन के परिचय की कहानी हो गई है वो। किसी घनश्याम की फिर से दीवानी हो गई है वो।। ©।।Narendra Kumar™।। #अकेले_हैं_हम #alonesoul सुुमन कवयित्री Rupam"संवेदिता"