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ज़िन्दगी मिल जा कहीं, जैसे सूखे फूल मिला करते हैं क

ज़िन्दगी मिल जा कहीं, जैसे सूखे फूल मिला करते हैं किताबों में, या मिल जा उस मोड़ पर जहाँ अपने साथ छोड़ा करते हैं... 
बता कहाँ मिलें? 
बाग के उस झूले पर जहाँ बच्चे मुस्कुराया करते हैं, या
मंदिर के उस दर पर, जहाँ सब शीश झुकाया करते हैं... 

क्या मिल पाएंगे हम उन पुरानी यादों के झरोखे पर? 
या तू मिलेगी मुझे अपनेपन के मुंडेरों पर? 

ज़िन्दगी - क्यूँ बाहर ढूंढता है मुझे, मैं तुझमे ही हूँ, 
बस अपने अंतर को टटोल, गलतफहमियों की परतों को खोल... 
खोल के बाहें मिल जाऊंगी हर सुबह...!! 
बस बीती बातें और चिंताएं छोड़...!!! ज़िन्दगी मिल जा कहीं, जैसे सूखे फूल मिला करते हैं किताबों में...  ~Nik...jat✓ Indu Pooja Soumya Jain  #suman#
ज़िन्दगी मिल जा कहीं, जैसे सूखे फूल मिला करते हैं किताबों में, या मिल जा उस मोड़ पर जहाँ अपने साथ छोड़ा करते हैं... 
बता कहाँ मिलें? 
बाग के उस झूले पर जहाँ बच्चे मुस्कुराया करते हैं, या
मंदिर के उस दर पर, जहाँ सब शीश झुकाया करते हैं... 

क्या मिल पाएंगे हम उन पुरानी यादों के झरोखे पर? 
या तू मिलेगी मुझे अपनेपन के मुंडेरों पर? 

ज़िन्दगी - क्यूँ बाहर ढूंढता है मुझे, मैं तुझमे ही हूँ, 
बस अपने अंतर को टटोल, गलतफहमियों की परतों को खोल... 
खोल के बाहें मिल जाऊंगी हर सुबह...!! 
बस बीती बातें और चिंताएं छोड़...!!! ज़िन्दगी मिल जा कहीं, जैसे सूखे फूल मिला करते हैं किताबों में...  ~Nik...jat✓ Indu Pooja Soumya Jain  #suman#
adityakumar6374

Aditya Kumar

Bronze Star
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