वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है। शिद्दत से तराशी हुई खुदा की एक मुरत है।। आँखों में नजा़कत और चेहरे पर टपका नुर है। वो जो चाँद ऊपर है उसकी क्या जरूरत है।। उसे ही सोचता हूँ ,अब उसे ही ढूँढता हूँ मैं। ख्वाबों से हकीकत में लाने की अब जरुरत है।। वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है। मोहब्बत से वो नज़रें कुछ बचा के घुमती है पर।। अक्सर उनकी ही तस्वीर देख देख जीता हूँ। मिली नहीं तो मर जाऊँगा,मिलने की अब जरुरत है।। उनकी आँखों से शब्द चुराकर। मैं अक्सर गजल लिखता हूँ।। हर गजल में तुम्हे लिखता हूँ। हर गजल में तेरी ही सूरत है।। वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है। comments_needed