Nojoto: Largest Storytelling Platform

उसको पाने के हँसी ख्वाबों को पाले बैठा हूँ; आजकल म

 उसको पाने के हँसी ख्वाबों को पाले बैठा हूँ;
आजकल मैं बड़ी कशमकश में रहता हूँ।

दिल को कितना समझाता हूँ; पर राजी नहीं कुछ मानने के लिए,
अक्सर उसी के ख्यालों में खोया रहता हूँ।

उसकी मुस्कराने की अदा गजब-कातिलाना है;
उसके हंसी चेहरे को यादों में बसाए रहता हूँ।
 उसको पाने के हँसी ख्वाबों को पाले बैठा हूँ;
आजकल मैं बड़ी कशमकश में रहता हूँ।

दिल को कितना समझाता हूँ; पर राजी नहीं कुछ मानने के लिए,
अक्सर उसी के ख्यालों में खोया रहता हूँ।

उसकी मुस्कराने की अदा गजब-कातिलाना है;
उसके हंसी चेहरे को यादों में बसाए रहता हूँ।
nojotouser6867982115

ANIL KUMAR

New Creator