जीने के लिए क्या क्या कसर चाहिए? कुछ साँसें चाहिए और एक उम्र चाहिए, आराम लाई तकनीकें, आए नए नए सलीके, चादर तकिए और बिस्तर, नींदें भूल गई चुभते पत्थर, हमने बिजली को तारों* मे समेटा, तारों* को दूरदर्शी औजारों मे समेटा, मौत को भी मजारों मे समेटा, मजहब, धर्म, खुदा को इदारों मे समेटा, एक साँस के मेहमान को भी एक कब्र चाहिए, कुछ साँसें चाहिए और एक उम्र चाहिए ।। 1. तारों: electrical wires 2. तारों: stars 3. दूरदर्शी औजारों: Telescope #evolution #humanevolution #yqbaba #technology #comfort #hindipoetry #yqdidi #life