जिंदगी का सफर कभी इतना आसान ना होता, गर पापा ने उँगली पकड़ कर चलना सिखलाया ना होता। जिंदगी भर गुणा भाग में उलझे ही रहते, गर जिंदगी का गणित पापा ने समझाया ना होता। जिंदगी में मेले तो बहुत देखे, पर याद बहुत आता है पापा की उँगली पकड़ के मेला जाना। वो पापा ही तो हैं जिनके होने से मैं आज भी जिद कर लिया करता हूँ। बस पापा का हाथ मेरे कन्धे पे हो मैं पूरी दुनिया से लड़ सकता हूँ, वो बात अलग है कि लड़ने पर आज भी पापा से पिटने का खत़रा है। पर पापा हैं तो मेरा वजूद आज भी सबसे गहरा है।। #अंकित सारस्वत# #जिंदगी और पापा