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गर्व था मुझे भी अपने देश पर , लेकिन अब विचार बदल र

गर्व था मुझे भी अपने देश पर , लेकिन अब विचार बदल रहे 
सेवा करने वाले नेता राजनीति में दाव चल रहे।
खुदगर्ज़ है ये लोग, नेता नही ! सेठ है ये बन रहे।।

नेता अपने घर को अनाज से है क्यों भर रहे ।
वही अनाज देने वाले किसान ,भूखे पेट क्यों मर रहे ?

कानून के रक्षक भी काफी ज्यादा ग्रेट है।
गुंडो के किलाफ आवाज़ उठाया मैंने,
पता चला ये तो गुंडो के ही सेठ है।

यहां सौ में दस लोग ही बेटी को लक्ष्मी है मानते।
बाकी तो उन्हें दहेज़ से है मापते।

क्या लिखूं ,अब तो ये कलम भी रो पड़े।
गर्व था मुझे अपने देश पर, लेकिन अब विचार बदल रहे।
गर्व था मुझे भी अपने देश पर , लेकिन अब विचार बदल रहे 
सेवा करने वाले नेता राजनीति में दाव चल रहे।
खुदगर्ज़ है ये लोग, नेता नही ! सेठ है ये बन रहे।।

नेता अपने घर को अनाज से है क्यों भर रहे ।
वही अनाज देने वाले किसान ,भूखे पेट क्यों मर रहे ?

कानून के रक्षक भी काफी ज्यादा ग्रेट है।
गुंडो के किलाफ आवाज़ उठाया मैंने,
पता चला ये तो गुंडो के ही सेठ है।

यहां सौ में दस लोग ही बेटी को लक्ष्मी है मानते।
बाकी तो उन्हें दहेज़ से है मापते।

क्या लिखूं ,अब तो ये कलम भी रो पड़े।
गर्व था मुझे अपने देश पर, लेकिन अब विचार बदल रहे।