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राम सिया के जीवन में अब बिछड़ने का योग आया, मारिच

राम सिया के जीवन में अब बिछड़ने का योग आया,
मारिच छल किया सीता ने चिंतावश लखन को वन भिजवाया,
लक्ष्मण रेखा में बांध भाभी को जब लक्ष्मण वन गया,
तब लंकेश्वर साधु का रूप धर भिक्षा मांगने आया,
भिक्षा तो सिर्फ बहाना था सीता को हर ले जाना था,
लखन की खींची रेखा को वो पार नहीं कर पाया,
तब रावण ने रेखा लांघने को सीता को विवश किया,
सीता भी विवशता में राम का स्मरण कर भोजन दिया,
साधु का वेश धरा रावणा लंकेश का रूप देख सीता हैरान,
सीता को कहे सुंदरी उस वनवासी को छोड़ मेरी कर प्रीत,
सीता बेसुध हुई रावण हँसा षडयंत्र कर मान अपनी जीत, 
पुष्प विमान में सीता को ले लंका की ओर प्रस्थान किया,
सिया बिलख बिलख राम तो कभी लखन को पुकारे,
 सिया वन, धरती, वायु सबसे लगाती रही गुहार,
पर भला आकाश मार्ग में कौन जानकी को बचाने आये,
रावण के ठहाकों और सीता की पुकार से जटायु देखने आये,
पूछा सीता से वृतांत किस तरह पापी हर लाया सीता बताये,
पहचान जानकी को पुत्री कह जटायु पुत्री की रक्षा को धर्म बताये,
ये पापी मेरे होते देखता हूँ  कैसे मेरी पुत्री सीता को हर ले जाये,
रावण ने गीदराज का उपहास उडाया पर युद्ध चुनौती को स्वीकारा,
खतरनाक फिर हुआ युद्ध रावण था घमंड और मायावी शक्ति में मस्त,
जटायु दिये काँटे की टक्कर पर पास नहीं था कोई अस्त्र-शस्त्र,
रावण ने इसका फायदा उठाया तलवार का परो पर वार चलाया,
जटायु दर्द में भी लड़े और पर विहीन हो क्षण में भूमि पर आये,
सिया बस ये दृश्य देख नैनों से नीर बहाये और राम को बुलाये,
अंतिम समय में भी जटायु राम राम नाम जाप किये जाये।

©Priya Gour जय श्री राम 💞🙏

#NojotoRamleela 
#nojotowriters 
#11Oct 11:07
#Ram
राम सिया के जीवन में अब बिछड़ने का योग आया,
मारिच छल किया सीता ने चिंतावश लखन को वन भिजवाया,
लक्ष्मण रेखा में बांध भाभी को जब लक्ष्मण वन गया,
तब लंकेश्वर साधु का रूप धर भिक्षा मांगने आया,
भिक्षा तो सिर्फ बहाना था सीता को हर ले जाना था,
लखन की खींची रेखा को वो पार नहीं कर पाया,
तब रावण ने रेखा लांघने को सीता को विवश किया,
सीता भी विवशता में राम का स्मरण कर भोजन दिया,
साधु का वेश धरा रावणा लंकेश का रूप देख सीता हैरान,
सीता को कहे सुंदरी उस वनवासी को छोड़ मेरी कर प्रीत,
सीता बेसुध हुई रावण हँसा षडयंत्र कर मान अपनी जीत, 
पुष्प विमान में सीता को ले लंका की ओर प्रस्थान किया,
सिया बिलख बिलख राम तो कभी लखन को पुकारे,
 सिया वन, धरती, वायु सबसे लगाती रही गुहार,
पर भला आकाश मार्ग में कौन जानकी को बचाने आये,
रावण के ठहाकों और सीता की पुकार से जटायु देखने आये,
पूछा सीता से वृतांत किस तरह पापी हर लाया सीता बताये,
पहचान जानकी को पुत्री कह जटायु पुत्री की रक्षा को धर्म बताये,
ये पापी मेरे होते देखता हूँ  कैसे मेरी पुत्री सीता को हर ले जाये,
रावण ने गीदराज का उपहास उडाया पर युद्ध चुनौती को स्वीकारा,
खतरनाक फिर हुआ युद्ध रावण था घमंड और मायावी शक्ति में मस्त,
जटायु दिये काँटे की टक्कर पर पास नहीं था कोई अस्त्र-शस्त्र,
रावण ने इसका फायदा उठाया तलवार का परो पर वार चलाया,
जटायु दर्द में भी लड़े और पर विहीन हो क्षण में भूमि पर आये,
सिया बस ये दृश्य देख नैनों से नीर बहाये और राम को बुलाये,
अंतिम समय में भी जटायु राम राम नाम जाप किये जाये।

©Priya Gour जय श्री राम 💞🙏

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#11Oct 11:07
#Ram
priyagour7765

Priya Gour

Gold Star
Super Creator