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कभी तुम्हें बुरी लगती है , मेरी बातों की रफ़्तार ।

कभी तुम्हें बुरी लगती है ,
मेरी बातों की रफ़्तार ।
कभी चिढ़ कर कहते हो,
इतनी चुप्पी क्यों है यार।
कैसे बताऊं तुमको!
मेरा भी अपना मन होता है ।
मैं आपकी चाभी वाली गुड़िया, ,
तो नहीं हूं ना सरकार!

©Mamta Singh #heartbroken
कभी तुम्हें बुरी लगती है ,
मेरी बातों की रफ़्तार ।
कभी चिढ़ कर कहते हो,
इतनी चुप्पी क्यों है यार।
कैसे बताऊं तुमको!
मेरा भी अपना मन होता है ।
मैं आपकी चाभी वाली गुड़िया, ,
तो नहीं हूं ना सरकार!

©Mamta Singh #heartbroken
mamtasingh9974

Mamta Singh

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