#OpenPoetry दौड़ लगी थी दुनिया मे ठहरा हुआ था मै ये धरती चीख रही थी पर बहरा हुआ था मै सब बेखौफ से चल रहे थे बस सहमा हुआ था मै मेरे अपने ही रास्ते पर पहरा हुआ था मै भीड़ को छोड़ तन्हाइयों मे कुछ आनन्द ढूँढ रहे है सम्भाल ले हालात जो बेकाबू हो गये इसिलिए हर बच्चे मे फिर विवेकानन्द ढूँढ रहे है झुक गया अम्बर आज आफताब भी थम गया है ये सियासी माहौल मेरे देश का अब सजा बन गया है रंगना अपने सफेद कुर्तो को कभी उनके खून से एक-एक बूंद की कीमत जान जाओगे खड़ा करो जरा अपने बेटो को बोर्डर पे देखते है तुम उनकी शहादत की क्या कीमत लगाओगे छोड़ के इस धरा को आज हम मंगल पे जा रहे है इस धरती के लिए क्योंकि कहर हुआ था मै और माँ ने पी लिया शौक से उसे अमृत समझकर अनाम जिसके हर घूँट मे मिला जहर हुआ था मैं #OpenPoetry#भारत#nojotohindi#myquotes#nojotoshayri#bharatpoem#hindinama#nojotodelhi#nojotomeerut#nojoto