एक खंडहर सी बची है यह सांसे मेरी.. एक तूफान की अब तो हसरत मुझे... आती है आंधियां फिर भी ढहती नहीं.. तेरी सूरत दिखे बस यह ढह जाएगी.. अर्पित पांडेय my first poetry 💔 #Tapish #my_first_poetry #feel_pain